Wednesday 1 July 2015

वैज्ञानिक ऐसा कहते है की आज का युग विज्ञानं का युग है पर मुझे ऐसा लगता है की आज का युग देखादेखी का युग है, लोग एक दूसरे को देखकर अपने जीवन की राहा को चुनते है । इस कारण से वो भविष्य में ठोकर खाते हैं और कहते हैं की उस समय पर कोई अच्छा कैरियर कॉउंसलर मिल जाता तो आज ये दिन देखने को नही मिलते। और सबसे बड़ी विचित्र बात यह है की इस प्रकार की गलतिया होती है स्टूडेंट लाइफ में और ये गलतिया स्टूडेंट जीवन के एक अनोखे बदलाव पर आकर करते है वो है सब्जेक्ट सलेक्शन, कक्षा दसवीं के बाद । एक सर्वे ये बताता है की गणित विषय सलेक्शन करने वाले ज्यादातर विद्यार्थी की परसेंटेज कक्षा दसवी में 70 से ज्यादा हैं इससे यह सिद्ध होता है की ये सभी है भविष्य के इंजीनियर । और इसी बड़ी गलती की वजह से आज के बेरोजगारी महसूस कर रहे है । 

आदरणीय भूतपूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी ने कहा है की उसी फील्ड में भविष्य बनाओ जहां आपका दिल कहे और जहां आपकी रुचि हो । 


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